सेंसर बोर्ड ने फिल्म पद्मावती को कैसे कर दिया पास

Film Padmavati

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फिल्म पद्मावती को सेंसर बोर्ड के प्रमाणपत्र देने के फैसले पर मेवाड़ शाही परिवार के वरिष्ठ सदस्य ने सवाल उठा दिए हैं। उनका आरोप है कि संजय लीला भंसाली की यह फिल्म ऐतिहासिक किरदारों को गलत तरीके से पेश कर रही है और यह सामाजिक तनाव का कारण बन सकती है।

सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को भेजे पत्र में महेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी ने सभी तथ्यों पर विचार नहीं किया और जन भावनाओं का ख्याल भी नहीं रखा। इसे उन्होंने अक्षमता और मिलीभगत बताया है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म सामाजिक तनाव का कारण बन सकती है।

इतनी जल्दी में इस फिल्म को प्रमाणपत्र देने से सिर्फ सेंसर बोर्ड की बदनामी होगी। प्रसून जोशी पर उन्होंने यह आरोप लगाया कि फिल्म दिखाने के लिए दो पैनल बुलाये गए थे, लेकिन गुप्त रूप से सिर्फ एक को फिल्म दिखाई गई। फिर ऐसा दिखाया गया कि पैनल में शामिल सभी लोग फिल्म में हुए बदलाव के बाद पद्मावती की रिलीज से सहमत हैं।

पर दो सदस्यों ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वे फिल्म को रिलीज करने के फैसले से सहमत नहीं हैं। महेंद्र सिंह ने कहा कि अब साफ है कि दो पैनल को बुलाना सिर्फ एक दिखावा था। फिल्म देखने वाले पैनल में शामिल लोगों का इस्तेमाल अब विश्वसनीयता बढ़ाने में किया जा रहा है। महेंद्र सिंह ने कहा कि फिल्म के ऐतिहासिक होने का दावा खत्म हो चुका है

इसे मलिक मोहम्मद जायसी की रचना पद्मावती से प्रेरित कल्पना बताया जा रहा है। पर यह फिल्म जायसी की रचना जैसी भी नहीं है। फिल्म न सिर्फ हमारी संस्कृति बल्कि जायसी की रचना को भी गलत तरीके से पेश कर रही है। महेंद्र सिंह के बेटे विश्वराज सिंह को प्रसून जोशी ने फिल्म देखने के लिए आमंत्रित किया था।

जबकि विश्वराज ने पैनल में शामिल होने से पहले सेंसर बोर्ड से कुछ सवाल पूछे थे, उन्होंने कहा था कि सेंसर बोर्ड साफ करे कि पैनल में उनके अधिकार क्या होंगे। महेंद्र सिंह ने कहा कि उनके बेटे के सवालों के जवाब क्यों नहीं दिए गए। ज्ञात हो कि सेंसर बोर्ड ने पिछले हफ्ते कुछ बदलाव के साथ पद्मावती को रिलीज करने की अनुमति दी है।

11 thoughts on “सेंसर बोर्ड ने फिल्म पद्मावती को कैसे कर दिया पास”

  1. 私のようにmacを使いながらwindowsを使っているお方が多いと思います。 という時代ではなくなってきたのか?「わるいところ」

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