अमेरिका में बसने की इच्छा रखने वाले भारतीयों को झटका

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अमेरिका में बसने की इच्छा रखने वाले भारतीयों को झटका

अमेरिका में बसने कि इच्छा रखने वाले भारतियों को झटका ग्रीन कार्ड मिलने में लगेगा। वैध प्रवासियों की संख्या घटाकर आधी करने के लिए सीनेट में विधेयक (बिल) पेश किया गया है। ‘रेज एक्ट’ के पारित होने से ग्रीन कार्ड या अमेरिका में स्थायी निवास की ख्वाहिश रखने वाले भारतीय भी प्रभावित होंगे।

वर्तमान में हजारों की संख्या में रोजगार श्रेणियों में भारतीय ग्रीन कार्ड का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अगर यह विधेयक कानून बन जाता है, तो इनको तगड़ा झटका लगेगा और ग्रीन कार्ड हासिल करने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। इस विधेयक में कई तरह के वीजा लॉटरी को भी खत्म करने का प्रस्ताव है।

रिपब्लिकन सीनेट टोम कॉटन और डेमोक्रेटिक सीनेटर डेविड पेर्डू ने इस विधेयक को पेश किया, जिसमें हर साल अमेरिका आने वाले अप्रवासियों की संख्या १० लाख से घटाकर पांच लाख करने का प्रस्ताव रखा गया है। इन सीनेटरों ने हर साल जारी किए जाने वाले १० लाख ग्रीन कार्ड की संख्या आधी करने की मांग की है।

२०१५ में १० लाख ५१ हजार ३१ अप्रवासी अमेरिका में पहुंचे। यदि रेज एक्ट पारित हो जाता है, तो हर साल अमेरिका पहुंचने वाले अप्रवासियों की संख्या ५० प्रतिशत कम हो जाएगी। पहले साल अप्रवासियों की संख्या घटकर छह लाख ३७ हजार नौ सौ ६० हो जाएगी और १०वें साल यह संख्या पांच लाख ३९ हजार नौ सौ ५८ ही रह जाएगी।

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